आसुरी दुर्गा मंत्र साधना
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक ऐसी साधना को लेंगे जो अत्यंत ही गोपनीय तरीके से की जाती है। लेकिन माता दुर्गा की ही साधना है। असल में असुरों के द्वारा जब देवी को प्रसन्न किया गया तो उस साधना को आसुरी दुर्गा साधना कहा गया। इस साधना को करने वाला तीनों लोकों को जीत सकता है क्योंकि असुरों ने इनकी साधना करके तीनों लोकों में हड़कंप मचा दिया। ऐसी शक्तियां प्रकट हुई जिनका सामना करने की देवताओं में कभी शक्ति थी ही नहीं। इसीलिए आसुरी दुर्गा साधना बहुत ही उच्च कोटि की और शक्तिशाली मानी जाती है। साधना उन लोगों के लिए भी बहुत अधिक उत्तम है जो मांस मदिरा और शराब का सेवन सदा करते हैं। इसी कारण से उन्हें इनकी सिद्धि अवश्य ही बहुत ही जल्दी मिल जाती है। कहीं-कहीं तो यह तक कहा गया है कि आपने अगर 10 महाविद्या की साधना नहीं की है और उनकी बराबर ही बलाबल प्राप्त करना चाहते हैं तो यह साधना सर्वोत्तम है। आसुरी दुर्गा साधना को करने वाला व्यक्ति। प्रत्यंगिरा जैसी शक्ति का भी सामना कर सकता है। इसीलिए आसुरी दुर्गा देवी प्रत्यंगिरा जैसी ही शक्तियां साधक को प्रदान करती हैं इसी कारण। इन शक्तियों का उपयोग जनमानस के लिए सदैव अच्छे कार्यों में ही करना चाहिए। यह साधना सिर्फ इसलिए मैं आप लोगों को बता रहा हूं ताकि इसका ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति को हो सके, किंतु इसका गलत इस्तेमाल किसी भी प्रकार से कभी मत कीजिएगा क्योंकि मां की शक्तियों का दुरुपयोग करना सदैव आपके लिए संकट का सूचक बन सकता है। तो यह साधना हम कैसे करेंगे और इसका विधान क्या है। चलिए इस पर बात करते हैं इसके साधना विधान के लिए सर्वप्रथम मां भगवती दुर्गा जी का। चित्र या लाल रंग के विग्रह के कपड़ों में माता का स्वरूप आपको दर्शाना है। मां दुर्गा के भयंकर स्वरूप को आपको
माता के चित्र या मूर्ति के माध्यम से आपको बनवाना पड़ता है। अब इस मूर्ति अथवा चित्र को बाजोट पर बिठाकर स्थापित करना है। इस साधना में आप घी के तेल का दीपक जलाएंगे और सुगंधित धूप बत्ती का प्रयोग करेंगे। गुड़हल का लाल रंग का पुष्प आप इस साधना में माता पर चढ़ाते हैं। साधक लाल रंग की धोती और लाल रंग के आसन का प्रयोग इस साधना में करेगा। अगर स्त्री साधिका है तो लाल रंग की सलवार या पूरी लाल रंग की साड़ी पहन सकती है। मंत्र जाप के समय साधक का मुख उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए और इस मंत्र के जाप के लिए आपको लाल मूंगा या लाल हकीक या लाल चंदन की माला का ही प्रयोग आपको करना है। साधना की समाप्ति के बाद माला को याद करके और जो भी सामग्री आपकी बची है वह सब जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। साधना रात्रि में सूर्यास्त के 1 घंटे के बाद से शुरू कर सकते हैं और आप! अपने सामने जो पानी का लोटा है उसको लेकर मंत्र बोलते हुए विनियोग करेंगे और फिर याद करेंगे तो विनियोग करेंगे जो इस प्रकार से
।। ॐ अस्य आसुरीमन्त्रस्य अंगिरा ऋषिर्विराट् छन्दः आसुरीदुर्गादेवता ॐ बीजं स्वाहा शक्तिरात्मनोऽभीष्टसिद्ध्यर्थ जपे विनियोगः ।।
ॐ विराट् छन्दसे नमः मुखे,
ॐ आसुरीदुर्गादेवतायै नमः हृदि,
ॐ ॐ बीजाय नमः गुह्ये
ॐ स्वाहा शक्तये नमः पादयोः ।।
ऐसी कमलासन पर विराजमान, आभूषणों एवं वस्त्रों से अलंकृत, सर्प का यज्ञोपवीत धारण करने वाली अथर्वा की पुत्री भगवती आसुरी दुर्गा मुझे प्रसन्न रखें” ।।
के बहुत सारे प्रयोग किए जाते हैं जिनके विषय में मैं यहां पर आप लोगों को नहीं बता रहा हूं। कारण इनके प्रयोगों को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है और व्यक्ति इनका दुरुपयोग ना करें जो विभिन्न प्रकार के प्रयोग हैं। वह यहां पर मैं गोपनीय रखा हूं। सिर्फ आपको साधना इनकी करनी है अगर आप इनकी साधना करना चाहते हैं तो इनकी साधना का आपको 41 दिन अथवा 21 दिन का संकल्प लेना होगा और। 21 अगर आप 21 दिन का संकल्प लेते हैं और 41 माला अगर आप 41 दिन का संकल्प लेते हैं करनी होंगी।
जब 21 दिन का प्रयोग किया जाता है तो शक्तियां कम प्राप्त होती हैं। 41 दिन में अधिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। प्रज्ञा एक अद्वितीय मंत्र है और उसका प्रयोग बहुत ही अधिक शक्तिशाली है। इनकी साधना से व्यक्ति विभिन्न प्रकार के प्रयोग वशीकरण मारण मोहन उच्चाटन। इत्यादि सभी आधिकारिक कर्म सिद्ध कर सकता है। लेकिन याद रखें किसी भी प्रकार से गलत कार्य के लिए इनकी साधना करना बहुत ही विनाशकारी हो सकता है तो यह थी माता आसुरी दुर्गा की साधना। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।